Funniest dance on any Punjabi song.....
Nice try given by these 2 young dudes....
http://www.youtube.com/watch?v=4PUIxEtnZEU
Saturday, July 17, 2010
Thursday, July 15, 2010
फकीराना आये सदा कर चले
फ़कीराना आए सदा कर चले
मियां ख़ुश रहो हम दुआ कर चले
जो तुझ बिन न जीने को कहते थे हम
सो इस अहद को अब वफ़ा कर चले
कोंई ना -उम्मीदाना करते निग़ाह
सो तुम हम से मुंह भी छिपा कर चले
बहुत आरज़ू थी ग़ली की तेरी
सो यां से लहू में नहा कर चले
दिखाई दिए यूँ कि बेखुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
जबीं सज़दा करते ही करते गई
ह़क-ऐ -बंदगी हम अदा कर चले
गई उम्र दर बंद-ऐ-फ़िक्र-ऐ-ग़ज़ल
सो इस फन को एहसास बऱा कर चले
कहें क्या जो पूछे कोई हम से "मीर"
जहान में तुम आये थे, क्या कर चले
मीर.......
मियां ख़ुश रहो हम दुआ कर चले
जो तुझ बिन न जीने को कहते थे हम
सो इस अहद को अब वफ़ा कर चले
कोंई ना -उम्मीदाना करते निग़ाह
सो तुम हम से मुंह भी छिपा कर चले
बहुत आरज़ू थी ग़ली की तेरी
सो यां से लहू में नहा कर चले
दिखाई दिए यूँ कि बेखुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
जबीं सज़दा करते ही करते गई
ह़क-ऐ -बंदगी हम अदा कर चले
गई उम्र दर बंद-ऐ-फ़िक्र-ऐ-ग़ज़ल
सो इस फन को एहसास बऱा कर चले
कहें क्या जो पूछे कोई हम से "मीर"
जहान में तुम आये थे, क्या कर चले
मीर.......
Sunday, July 11, 2010
क्या है मेरा?
हर घड़ी खुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समंदर मेरा
किससे पूछूं की कहाँ ग़ुम हूँ बरसों से
हर जगह ढूंढता फिरता है मुझे घर मेरा
एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा
मुद्दतें बीत गई ख्वाब सुहाना देखे
जगता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा
आइना देखके निकला था मैं घर से बाहर
आज तक हाथ में महफूस है पत्थर मेरा
निदा फाज़ली
मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समंदर मेरा
किससे पूछूं की कहाँ ग़ुम हूँ बरसों से
हर जगह ढूंढता फिरता है मुझे घर मेरा
एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा
मुद्दतें बीत गई ख्वाब सुहाना देखे
जगता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा
आइना देखके निकला था मैं घर से बाहर
आज तक हाथ में महफूस है पत्थर मेरा
निदा फाज़ली
मुंह की बात सुने हर कोई
मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन
सदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं, खो जाता है जाने कौन
वो मेरा आइना है और मैं उस की परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन
किरण किरण अलसाता सूरज, पलक पलक खुलती नींद
धीमे धीमे बिखेर रहा है, ज़र्रा -ज़र्रा जाने कौन
निदा फाज़ली
आवाज़ों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन
सदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं, खो जाता है जाने कौन
वो मेरा आइना है और मैं उस की परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन
किरण किरण अलसाता सूरज, पलक पलक खुलती नींद
धीमे धीमे बिखेर रहा है, ज़र्रा -ज़र्रा जाने कौन
निदा फाज़ली
Friday, July 2, 2010
1st July
आज पांचवीं वर्षगांठ है हमारी CGGVeritas में नौकरी की....
२००५ में आज ही के दिन हमने ये कंपनी में अपनी तीसरी नौकरी की शुरुआत की....
आज CVVeritas के नए CEO का सन्देश आया की, उसके एक interview में उसने बोला की,
"Say what you do and do what you say"
देखिये कितने दिन ये भावना टिकी रहती है.....
२००५ में आज ही के दिन हमने ये कंपनी में अपनी तीसरी नौकरी की शुरुआत की....
आज CVVeritas के नए CEO का सन्देश आया की, उसके एक interview में उसने बोला की,
"Say what you do and do what you say"
देखिये कितने दिन ये भावना टिकी रहती है.....
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