Friday, July 2, 2010

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ..

समुद्रवसने देवी पर्वतास्तान्मंदडले .
विश्ह्नुपतनी नमस्तुभ्यं पादास्पर्शम क्षमस्व में ..

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