Tuesday, October 5, 2010

चोला माटी के राम

चोला माटी के राम
ऐकर का भरोसा
चोला माटी के रे

चोला माटी के हो
माटी के राम
ऐकर का भरोसा
चोला माटी के रे


द्रोण जैसे गुरु चले गए
कर्ण जैसे दानी
संगी कर्ण जैसे दानी
बाली जैसे वीर चले गए
रावण जस अभिमानी

चोला माटी के राम
ऐकर का भरोसा
चोला माटी के रे

कौनो रईस ना कौनो रहिबे भैया
एक सबके पारी, एक दिन आई सबके पारी
काल कौनोला छोड़े नाही
राजा रंक भिखारी

चोला माटी के राम
ऐकर का भरोसा
चोला माटी के रे

भव से पार लगे परहे
हरि के नाम सुमिर ले संगी
हरि के नाम सुमिर ले

ये दुनिया माया के रे पगला
जीवन मुक्ति कर ले

चोला माटी के राम
ऐकर का भरोसा
चोला माटी के रे

चोला माटी के हो

"गंगा राम संकेत"

Tuesday, September 7, 2010

चार सालों बाद

करीब चार से ज्यादा वर्ष बीत गए हमने कोई कविता नहीं लिखी....
पता नहीं पिछले शुक्रवार ३ सितम्बर की शाम को कैसे कुछ ख़याल आने लगे दफ्तर में काम करते करते.... जिनको पंकिबद्ध किया है....


नींद सी एक आती है आँखों में,
शायद कुछ ख्वाब भी देखो आयेंगे,
एक रोज़ जो ज़िन्दगी से मिले हम,
क्या कहा सुना बतलायेंगे....

उम्मीदों पर टिकी है जीवन की डोर,
न लगने देंगे इसमें गाँठ , हर तूफ़ान से टकरायेंगे,
हमारा साहिल कहीं अब दूर नहीं,
गर चलना ही है तो चलते जायेंगे....

कभी कभी यूँ मायूस सा रहता हूँ,
कभी कभी नाउम्मीद सा भी दिखता हूँ,
यही जीवन है, ऐसे ही चलता है,
यही में अपने दिल से कहता हूँ.............


विकास त्रिपाठी

Thursday, September 2, 2010

Krishna Janmashtami

http://www.youtube.com/watch?v=hA51qG5EUPQ

Saturday, August 7, 2010

Deewar

http://www.youtube.com/watch?v=cnScPqDI1dc

Monday, August 2, 2010

कभी पाबंदियों से छूट के भी दम घुटने लगता है

कभी पाबंदियों से छूट के भी दम घुटने लगता है 
दर-ओ-दीवार हो जिनमें वहीं ज़िंदा नहीं होता

हमारा ये तजुर्बा की खुश होना मुहब्बत में
कभी मुश्किल नहीं होता, कभी आसान नहीं होता

बजा है ज़ब्त भी लेकिन मुहब्बत में कभी रो लें
दबाने के लिए हर दर्द-ओ-नादाँ नहीं होता

यकीन लायें तो क्या लायें जो शक लायें तो क्या लायें
की बातों से तेरी सच-झूठ का इमकान नहीं होता


फ़िराक गोरखपुरी

Saturday, July 17, 2010

Dance on "tunak tunak"

Funniest dance on any Punjabi song.....

Nice try given by these 2 young dudes....

http://www.youtube.com/watch?v=4PUIxEtnZEU



Thursday, July 15, 2010

फकीराना आये सदा कर चले

फ़कीराना आए सदा कर चले
मियां ख़ुश रहो हम दुआ कर चले

जो तुझ बिन जीने को कहते थे हम
सो इस अहद को अब वफ़ा कर चले

कोंई ना -उम्मीदाना करते निग़ाह
सो तुम हम से मुंह भी छिपा कर चले

बहुत आरज़ू थी ग़ली की तेरी
सो यां से लहू में नहा कर चले

दिखाई दिए यूँ कि बेखुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले

जबीं सज़दा करते ही करते गई
ह़क- -बंदगी हम अदा कर चले

गई उम्र दर बंद--फ़िक्र--ग़ज़ल
सो इस फन को एहसास बऱा कर चले

कहें क्या जो पूछे कोई हम से "मीर"
जहान में तुम आये थे, क्या कर
चले



मीर.......

Picture after India won World Cup Cricket 1983







Sunday, July 11, 2010

अलीबाग



क्या है मेरा?

हर घड़ी खुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समंदर मेरा

किससे पूछूं की कहाँ ग़ुम हूँ बरसों से
हर जगह ढूंढता फिरता है मुझे घर मेरा

एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा

मुद्दतें बीत गई ख्वाब सुहाना देखे
जगता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा

आइना देखके निकला था मैं घर से बाहर
आज तक हाथ में महफूस है पत्थर मेरा


निदा फाज़ली

मुंह की बात सुने हर कोई

मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन

सदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं, खो जाता है जाने कौन

वो मेरा आइना है और मैं उस की परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन

किरण किरण अलसाता सूरज, पलक पलक खुलती नींद
धीमे धीमे बिखेर रहा है, ज़र्रा -ज़र्रा जाने कौन


निदा फाज़ली

Friday, July 2, 2010

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ..

समुद्रवसने देवी पर्वतास्तान्मंदडले .
विश्ह्नुपतनी नमस्तुभ्यं पादास्पर्शम क्षमस्व में ..

1st July

आज पांचवीं वर्षगांठ है हमारी CGGVeritas में नौकरी की....
२००५ में आज ही के दिन हमने ये कंपनी में अपनी तीसरी नौकरी की शुरुआत की....
आज CVVeritas के नए CEO का सन्देश आया की, उसके एक interview में उसने बोला की,

"Say what you do and do what you say"

देखिये कितने दिन ये भावना टिकी रहती है.....

Sunday, June 13, 2010

Count Your Blessings

I've never made a fortune,
and it's probably too late now.
But I don't worry about that much,
I'm happy anyhow.

And as I go along life's way,
I'm reaping better than I sowed.
I'm drinking from my saucer,
'Cause my cup has overflowed.

Haven't got a lot of riches,
and sometimes the going's tough.
But I've got loving ones all around me,
and that makes me rich enough.

I thank God for his blessings,
and the mercies He's bestowed.
I'm drinking from my saucer,
'Cause my cup has overflowed.

I remember times when things went wrong,
My faith wore somewhat thin.
But all at once the dark clouds broke,
and the sun peeped through again.

So Lord, help me not to gripe,
about the tough rows I have hoed.
I'm drinking from my saucer,
'Cause my cup has overflowed.

If God gives me strength and courage,
When the way grows steep and rough.
I'll not ask for other blessings,
I'm already blessed enough.

And may I never be too busy,
to help others bear their loads.
Then I'll keep drinking from my saucer,
'Cause my cup has overflowed.

When I think of how many people
in this world have it worse than I do.
I realize just how blessed most of us really are.

Saturday, June 12, 2010

Oscar Wilde 1

Always forgive your enemies - nothing annoys them so much.



A gentleman is one who never hurts anyone's feelings unintentionally.






Monday, June 7, 2010

प्रभु को भी प्रिय है सरलता

निरमल मन जन सो मोहिं पावा।
मोहिं कपट छल छिद्र न भावा।।

ये दुनियां

ज़रा सा कतरा कहीं आज अगर उभरता है
समन्दरों ही के लहजे में बात करता है

शराफतों की यहाँ कोई अहमियत ही नहीं
किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कोन डरता है



Sunday, June 6, 2010

प्रातः स्मरण

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती |
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ||

कुछ और भी ज़रूरी है यार

उसूलो पर जहाँ आंच आये टकराना जरूरी है
जो जिंदा हो तो फिर जिंदा नज़र आना जरुरी है

थके हारे परिंदे जब बसेरे के लिए लौटें
सलीकामंद शाखों का लचक जाना जरुरी है

मेरे होंठों पर अपनी प्यास रख दो और फिर सोंचो
की इसके बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है ....



Ufff

फ़िक्र-ऐ-दुनिया में सर खपत हूँ,
मैं कहाँ और ये बवाल कहाँ.....

First evening of blogging

यूँ ही दो पल सही ग़मगीन दिल को शाद करते हैं
अमीर-ऐ-शहर के आगे कोई फ़रियाद करते हैं

ठिकाना ढूंढते हैं अब किसी उजड़े हुए दिल में
चलो आओ कोई वीरान घर आबाद करते हैं

तुम्हारे ये जहाँ वाले हमे पागल समझते हैं
भुला देते हैं खुद को हम तुम्हे जब याद करते हैं

उन्हें फुर्सत कहाँ बेताब दिल का हाल सुनाने की
हमारे वास्ते कब वक़्त वो बर्बाद करते हैं



6th June 2010

ॐ...
हा हा हा .... blogging और मैं? खैर अब तो शुरू कर दिया इश्वर का नाम लेकर....
"The Beatles" ( http://en.wikipedia.org/wiki/The_Beatles) का नाम सुना आज, तो इनके songs download किये अभी सुन रहा हु, these people are nice.
Rest things will come later. Til then take care.....
राम चरित मानस मिली मुझे कुछ दिन पहले जिसका link है....
http://ramayan.wordpress.com/2006/07/24/main/